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Showing posts from December, 2021

प्रिय लिखकर....

 प्रिय लिखकर....  नीचे लिखदू नाम तुम्हारा  कुछ जगह बीचमे छोड ... नीचे लिखदू सदा तुम्हारा  लिखा बीचमे क्या ? ये तुम्हे पढना हैं  कागजपर मनकी भाषाका अर्थ समाजना हैं  जो भी अर्थ निकालोगी तुम ... वो मुझको स्वीकार हैं  झुके नैन , मौन अधर , कोरा कागज ... अर्थ सभिका प्यार हैं !!!!