प्यार कभी एकतरफा होता है न होगा कहा था मैंने दो रूहों की एक मिलन की जुड़वां पैदाइश है यह प्यार अकेला जी नहीं सकता जीता है तो दो लोगों में मरता है तो दो मरते हैं प्यार एक बहता दरिया है झील नहीं की जिसको किनारे बाँध के बैठे रहते हैं सागर भी नहीं की जिसका किनारा होता नहीं बस दरिया है और बहता है दरिया जैसे चढ़ जाता है , ढल जाता है चढ़ना ढालना प्यार में वो सब होता है पानी की आदत है ऊपर से नीचे की जानिब बहना नीचे से फिर भागती सूरत ऊपर उठाना बादल बन आकाश में बहना कांपने लगता है जब तेज़ हवाएं छेड़ें बूँद बूँद बरस जाता है प्यार एक जिस्म के साज़ पे बहती गुंज नहीं है न मंदिर की आरती है न पूजा है प्यार नफा है न लालच है न लाभ न हानि कोई प्यार ऐलान है अहसान है न कोई जंग की जीत है यह न ही हुनर है न ही इनाम न रिवाज़ न रीत है यह यह रहम नहीं यह दान नहीं यह बीज नहीं जो बीज सके खुशबू है मगर यह खुशबू की पहचान नहीं दर्द दिलासे शक विश्वास जूनून और होश -ओ -हवास की एक अहसास के कोख से पैदा हुआ है एक रिश्ता है यह यह सम्बन्ध है - दो जानो का दो रूहों का पहचानों का पैदा होता है बढ़ता