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Showing posts from December, 2014

ए खुदा रेत के सेहेरां को समंदर कर दे

ए खुदा रेत के सेहेरां को समंदर कर दे  यां छलकती आखोंकोभी पथ्थर कर दे  तुझको देखा नही मेहसूस किया है मैने  आ किसी दिन मेरे एह्सासको पेंकर कर दे  और कुछ भी मुझे दरकार नही है लेकिन मेरे चादर मेरे पैरोन्के बराबर कर दे